श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 5601: ब्रह्माजी की आज्ञा से देवराज इन्द्र का निद्रा सहित लङ्का में जाकर सीता को दिव्य खीर अर्पित करना और उनसे विदा लेकर लौटना  » 
 
 
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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