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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 3: अरण्य काण्ड
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सर्ग 56: सीता का श्रीराम के प्रति अपना अनन्य अनुराग दिखाकर रावण को फटकारना तथा रावण की आज्ञा से राक्षसियों का उन्हें अशोकवाटिका में ले जाकर डराना
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श्लोक 26
श्लोक
3.56.26
इत्युक्त्वा परुषं वाक्यं रावण: शत्रुरावण:।
राक्षसीश्च तत: क्रुद्ध इदं वचनमब्रवीत्॥ २६॥
अनुवाद
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रावण ने सीता से कठोर वचन कहे जिससे शत्रुओं को भी रुलाने वाला रावण क्रोधित होकर राक्षसियों से इस प्रकार बोला।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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