श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 56: सीता का श्रीराम के प्रति अपना अनन्य अनुराग दिखाकर रावण को फटकारना तथा रावण की आज्ञा से राक्षसियों का उन्हें अशोकवाटिका में ले जाकर डराना  »  श्लोक 16
 
 
श्लोक  3.56.16 
 
 
यदा विनाशो भूतानां दृश्यते कालचोदित:।
तदा कार्ये प्रमाद्यन्ति नरा: कालवशं गता:॥ १६॥
 
 
अनुवाद
 
  जब समय की इच्छा से प्राणियों का विनाश निकट आता है, उस समय मौत के अधीन हुए प्राणी हर काम में लापरवाही करने लगते हैं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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