दिव्यदुन्दुभिनिर्घोषं तप्तकाञ्चनभूषणम्।
सोपानं काञ्चनं चित्रमारुरोह तया सह॥ ९॥
अनुवाद
उस भवन में दिव्य दुन्दुभियों की मधुर ध्वनि गूंजती रहती थी। उस अंतःपुर को तपाए हुए सोने के आभूषणों से सजाया गया था। रावण सीता को साथ लेकर सोने की बनी हुई अद्भुत सीढ़ी पर चढ़ा।