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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 3: अरण्य काण्ड
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सर्ग 55: रावण का सीता को अपने अन्तःपुर का दर्शन कराना और अपनी भार्या बन जाने के लिये समझाना
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श्लोक 13
श्लोक
3.55.13
दर्शयित्वा तु वैदेहीं कृत्स्नं तद्भवनोत्तमम्।
उवाच वाक्यं पापात्मा सीतां लोभितुमिच्छया॥ १३॥
अनुवाद
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उस पापी राक्षस ने वैदेही सीता को अपना सम्पूर्ण सुन्दर भवन दिखाकर उन्हें लुभाने की इच्छा से उनसे इस प्रकार कहा—।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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