श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 54: सीता का पाँच वानरों के बीच अपने भूषण और वस्त्र को गिराना, रावण का सीता को अन्तःपुर में रखना  »  श्लोक 22
 
 
श्लोक  3.54.22 
 
 
बहुसैन्यं महावीर्यं जनस्थाने निवेशितम्।
सदूषणखरं युद्धे निहतं रामसायकै:॥ २२॥
 
 
अनुवाद
 
  मैंने वहाँ एक विशाल सेना के साथ पराक्रमी खर और दूषण को बसा रखा था, लेकिन वे सभी राम के बाणों से युद्ध में मारे गए।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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