अब्रवीच्च दशग्रीव: पिशाचीर्घोरदर्शना:॥ १४॥
यथा नैनां पुमान् स्त्री वा सीतां पश्यत्यसम्मत:।
अनुवाद
इसके बाद दशग्रीव ने भयंकर आकार वाली पिशाचिनों को बुलाकर कहा - "तुम सबको सावधानी के साथ सीता की रक्षा करनी है। मेरी आज्ञा के बिना कोई भी स्त्री या पुरुष सीता को न देख पाए और न ही उनसे मिल सके।"