तब वह पापी रावण अधिक बोझ के कारण काँपते हुए शरीर वाली विलापपूर्वक करुणामय वचन बोलती हुई और तरह-तरह की चेष्टाएँ करती हुई उस तरुणी राजकुमारी सीता को हर ले गया।
इत्यार्षे श्रीमद्रामायणे वाल्मीकीये आदिकाव्येऽरण्यकाण्डे त्रिपञ्चाश: सर्ग: ॥ ५ ३॥
इस प्रकार श्रीवाल्मीकिनिर्मित आर्षरामायण आदिकाव्यके अरण्यकाण्डमें तिरपनवाँ सर्ग पूरा हुआ ॥ ५ ३॥