श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 52: रावण द्वारा सीता का अपहरण  »  श्लोक 29
 
 
श्लोक  3.52.29 
 
 
चरणान्नूपुरं भ्रष्टं वैदेह्या रत्नभूषितम्।
विद्युन्मण्डलसंकाशं पपात धरणीतले॥ २९॥
 
 
अनुवाद
 
  वैदेह नन्दिनी के एक चरण से रत्नजटित नूपुर खिसककर विद्युतमंडल की तरह पृथ्वी पर गिर पड़ा।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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