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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 3: अरण्य काण्ड
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सर्ग 52: रावण द्वारा सीता का अपहरण
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श्लोक 26
श्लोक
3.52.26
उत्तमाङ्गच्युता तस्या: पुष्पवृष्टि: समन्तत:।
सीताया ह्रियमाणाया: पपात धरणीतले॥ २६॥
अनुवाद
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सीता हरण के समय उनके सिर से फूलों की वर्षा हो रही थी। उनके बालों में गूँथे हुए फूल पृथ्वी पर गिर रहे थे। परिणामस्वरूप, हर तरफ फूलों की बरसात हो रही थी।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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