वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 3: अरण्य काण्ड
»
सर्ग 52: रावण द्वारा सीता का अपहरण
»
श्लोक 2
श्लोक
3.52.2
निमित्तं लक्षणं स्वप्नं शकुनिस्वरदर्शनम्।
अवश्यं सुखदु:खेषु नराणां परिदृश्यते॥ २॥
अनुवाद
play_arrowpause
मनुष्यों को आने वाले सुख-दुःख के लक्षण, स्वप्न, पक्षियों के स्वर और उनका दाएँ-बाएँ दिखना आदि शुभ-अशुभ संकेत अवश्य ही दिखाई देते हैं।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.