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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 3: अरण्य काण्ड
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सर्ग 52: रावण द्वारा सीता का अपहरण
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श्लोक 1
श्लोक
3.52.1
सा तु ताराधिपमुखी रावणेन निरीक्ष्य तम्।
गृध्रराजं विनिहतं विललाप सुदु:खिता॥ १॥
अनुवाद
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चन्द्रमुखी सीता ने रावण द्वारा मारे गए गृध्रराज को देखकर अत्यंत दुःख व्यक्त करते हुए विलाप करना आरम्भ कर दिया।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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