श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 51: जटायु तथा रावण का घोर युद्ध और रावण के द्वारा जटायु का वध  »  श्लोक 20
 
 
श्लोक  3.51.20 
 
 
दृष्ट्वा निपतितं भूमौ रावणं भग्नवाहनम्।
साधु साध्विति भूतानि गृध्रराजमपूजयन्॥ २०॥
 
 
अनुवाद
 
  रावण को रथ टूट जाने से धरती पर पड़ा देखकर सभी प्राणियों ने "साधु, साधु" कहकर गरुड़ का गुणगान किया क्योंकि गरुड़ के कारण रावण परास्त हुआ था।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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