वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 3: अरण्य काण्ड
»
सर्ग 5: श्रीराम, लक्ष्मण और सीता का शरभङ्ग मुनि के आश्रम पर जाना, देवताओं का दर्शन करना और मुनि से सम्मानित होना तथा शरभङ्ग मुनि का ब्रह्मलोक-गमन
»
श्लोक 9-10h
श्लोक
3.5.9-10h
चामरव्यजने चाग्रॺे रुक्मदण्डे महाधने॥ ९॥
गृहीते वरनारीभ्यां धूयमाने च मूर्धनि।
अनुवाद
play_arrowpause
श्रीराम ने बेशकीमती सुनहरे डंडे वाले दो उत्तम और बहुमूल्य चँवर और व्यजन भी देखे, जिन्हें दो रूपवती स्त्रियाँ लेकर देवराज इंद्र के सिर पर हवा कर रही थीं।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.