श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 5: श्रीराम, लक्ष्मण और सीता का शरभङ्ग मुनि के आश्रम पर जाना, देवताओं का दर्शन करना और मुनि से सम्मानित होना तथा शरभङ्ग मुनि का ब्रह्मलोक-गमन  »  श्लोक 36
 
 
श्लोक  3.5.36 
 
 
सुतीक्ष्णमभिगच्छ त्वं शुचौ देशे तपस्विनम्।
रमणीये वनोद्देशे स ते वासं विधास्यति॥ ३६॥
 
 
अनुवाद
 
  तुम इस सुंदर वन के पवित्र स्थान में तपस्वी सुतीक्ष्ण मुनि के पास चले जाओ। वे तुम्हारे रहने का प्रबंध करेंगे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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