नैष वारयितुं शक्यस्त्वया क्रूरो निशाचर:।
सत्ववाञ्जितकाशी च सायुधश्चैव दुर्मति:॥ ३९॥
अनुवाद
तुम इस क्रूर निशाचर को नहीं रोक सकते; क्योंकि यह बहुत बलवान है। इसके पास कई युद्धों में जीत हासिल करने का अनुभव है, इसीलिए इसका दुस्साहस बहुत बढ़ा हुआ है। इसके हाथों में हथियार है और इसके मन में दुष्टता भी भरी हुई है।