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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 3: अरण्य काण्ड
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सर्ग 49: रावण द्वारा सीता का अपहरण, सीता का विलाप और उनके द्वारा जटायु का दर्शन
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श्लोक 36
श्लोक
3.49.36
सा तदा करुणा वाचो विलपन्ती सुदु:खिता।
वनस्पतिगतं गृध्रं ददर्शायतलोचना॥ ३६॥
अनुवाद
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तब अत्यंत दुःखी होकर करुणामय वाणी में विलाप करती हुई सुंदर आँखों वाली सीता ने एक वृक्ष पर बैठे हुए गरुड़राज जटायु को देखा।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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