श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 49: रावण द्वारा सीता का अपहरण, सीता का विलाप और उनके द्वारा जटायु का दर्शन  »  श्लोक 19
 
 
श्लोक  3.49.19 
 
 
स च मायामयो दिव्य: खरयुक्त: खरस्वन:।
प्रत्यदृश्यत हेमाङ्गो रावणस्य महारथ:॥ १९॥
 
 
अनुवाद
 
  देखते ही देखते गधों से जुता हुआ और गधों के समान ही शब्द करने वाला रावण जी का वह विशाल सुवर्णमय माया रचित दिव्य रथ वहाँ दिखायी दिया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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