वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 3: अरण्य काण्ड
»
सर्ग 49: रावण द्वारा सीता का अपहरण, सीता का विलाप और उनके द्वारा जटायु का दर्शन
»
श्लोक 11
श्लोक
3.49.11
त्रिषु लोकेषु विख्यातं यदि भर्तारमिच्छसि।
मामाश्रय वरारोहे तवाहं सदृश: पति:॥ ११॥
अनुवाद
play_arrowpause
त्रिलोक में विख्यात और तुम्हारे योग्य पति मैं ही हूँ। यदि तुम ऐसा पति पाना चाहती हो तो मेरा आश्रय लो।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.