वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 3: अरण्य काण्ड
»
सर्ग 48: रावण के द्वारा अपने पराक्रम का वर्णन और सीता द्वारा उसको कड़ी फटकार
»
श्लोक 22
श्लोक
3.48.22
अवश्यं विनशिष्यन्ति सर्वे रावण राक्षसा:।
येषां त्वं कर्कशो राजा दुर्बुद्धिरजितेन्द्रिय:॥ २२॥
अनुवाद
play_arrowpause
‘रावण! जिनका तुझ-जैसा क्रूर, दुर्बुद्धि और अजितेन्द्रिय राजा है, वे सब राक्षस अवश्य ही नष्ट हो जायँगे॥ २२॥
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.