चारुस्मिते चारुदति चारुनेत्रे विलासिनि।
मनो हरसि मे रामे नदीकूलमिवाम्भसा॥ २१॥
अनुवाद
हे सुंदर मुस्कान वाली, सुंदर दांतों वाली और सुंदर आँखों वाली विलासिनी रमणी! तुम अपने सौंदर्य से मेरे मन को उसी तरह चुरा लेती हो, जैसे नदी अपने पानी से किनारे को चुरा लेती है।