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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 3: अरण्य काण्ड
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सर्ग 46: रावण का साधुवेष में सीता के पास जाकर उनका परिचय पूछना और सीता का आतिथ्य के लिये उसे आमन्त्रित करना
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श्लोक 13
श्लोक
3.46.13
स तां पद्मपलाशाक्षीं पीतकौशेयवासिनीम्।
अभ्यगच्छत वैदेहीं हृष्टचेता निशाचर:॥ १३॥
अनुवाद
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वह असुर खुशी-खुशी रेशमी पीले रंग के वस्त्र में सजी हुई बड़ी-बड़ी पलकों वाली विदेह की राजकुमारी के पास गया।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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