वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 3: अरण्य काण्ड
»
सर्ग 45: सीता के मार्मिक वचनों से प्रेरित होकर लक्ष्मण का श्रीराम के पास जाना
»
श्लोक 29
श्लोक
3.45.29
वाक्यमप्रतिरूपं तु न चित्रं स्त्रीषु मैथिलि।
स्वभावस्त्वेष नारीणामेषु लोकेषु दृश्यते॥ २९॥
अनुवाद
play_arrowpause
मैथिलि! स्त्रियों से ऐसे प्रतिकूल और अनुचित वचन निकलना असामान्य नहीं है; क्योंकि दुनिया में अक्सर स्त्रियों का यही स्वभाव देखा जाता है।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.