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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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सर्ग 44: श्रीराम के द्वारा मारीच का वध और उसके द्वारा सीता और लक्ष्मण के पुकारने का शब्द सुनकर श्रीराम की चिन्ता
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श्लोक 12
श्लोक
3.44.12
पुनरेव ततो दूराद् वृक्षखण्डाद् विनि:सृत:।
दृष्ट्वा रामो महातेजास्तं हन्तुं कृतनिश्चय:॥ १२॥
अनुवाद
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तदनन्तर वह राक्षस पुनः दूर पर स्थित वृक्षों के समूह से बाहर निकला। उसे देखकर तेजस्वी श्रीराम ने उसे मारने का निश्चय किया।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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