श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 44: श्रीराम के द्वारा मारीच का वध और उसके द्वारा सीता और लक्ष्मण के पुकारने का शब्द सुनकर श्रीराम की चिन्ता  »  श्लोक 1
 
 
श्लोक  3.44.1 
 
 
तथा तु तं समादिश्य भ्रातरं रघुनन्दन:।
बबन्धासिं महातेजा जाम्बूनदमयत्सरुम्॥ १॥
 
 
अनुवाद
 
  तथा च, लक्ष्मण को इस प्रकार आदेश देकर रघुनन्दन श्रीरामचन्द्रजी ने सोने के मूठ वाली तलवार को अपनी कमर में बाँध लिया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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