लक्ष्मण! अपने आस-पास रहने वाले बुद्धिमान, बलवान और शक्तिशाली पक्षी जटायु के साथ रहो और सदा सावधान रहना। मिथिलेशकुमारी सीता को अपनी सुरक्षा में लेकर रहो और हर समय हर दिशा से राक्षसों पर नज़र रखो।
इत्यार्षे श्रीमद्रामायणे वाल्मीकीये आदिकाव्येऽरण्यकाण्डे त्रिचत्वारिंश: सर्ग: ॥ ४ ३॥
इस प्रकार श्रीवाल्मीकिनिर्मित आर्षरामायण आदिकाव्यके अरण्यकाण्डमें तैंतालीसवाँ सर्ग पूरा हुआ ॥ ४ ३॥