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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 3: अरण्य काण्ड
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सर्ग 4: श्रीराम और लक्ष्मण के द्वारा विराध का वध
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श्लोक 9
श्लोक
3.4.9
तं प्रेक्ष्य राम: सुभृशमवध्यमचलोपमम्।
भयेष्वभयद: श्रीमानिदं वचनमब्रवीत्॥ ९॥
अनुवाद
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देखो लक्ष्मण, अवध्य और पर्वत की तरह से स्थिर होने वाले महान विराध को देखकर भय के समय अभय देने वाले श्रीमान राम ने उनसे यह बात कही।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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