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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 3: अरण्य काण्ड
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सर्ग 4: श्रीराम और लक्ष्मण के द्वारा विराध का वध
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श्लोक 5
श्लोक
3.4.5
तस्य रौद्रस्य सौमित्रि: सव्यं बाहुं बभञ्ज ह।
रामस्तु दक्षिणं बाहुं तरसा तस्य रक्षस:॥ ५॥
अनुवाद
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सुमित्रा नंदन लक्ष्मण ने तीव्र वेग से उस राक्षस की बायीं भुजा तोड़ डाली और श्रीराम ने भी तीव्र गति से उसी राक्षस की दाहिनी भुजा तोड़ दी।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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