श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 4: श्रीराम और लक्ष्मण के द्वारा विराध का वध  »  श्लोक 4
 
 
श्लोक  3.4.4 
 
 
तस्यास्तद् वचनं श्रुत्वा वैदेह्या रामलक्ष्मणौ।
वेगं प्रचक्रतुर्वीरौ वधे तस्य दुरात्मन:॥ ४॥
 
 
अनुवाद
 
  उस वैदेही नन्दिनी सीता की बात सुनकर श्रीराम और लक्ष्मण दोनों ही वीर शीघ्रतापूर्वक उस दुष्ट राक्षस के वध का कार्य प्रारंभ करने लगे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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