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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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सर्ग 4: श्रीराम और लक्ष्मण के द्वारा विराध का वध
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श्लोक 12
श्लोक
3.4.12
इत्युक्त्वा लक्ष्मणं राम: प्रदर: खन्यतामिति।
तस्थौ विराधमाक्रम्य कण्ठे पादेन वीर्यवान्॥ १२॥
अनुवाद
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इस प्रकार लक्ष्मण को एक गड्ढा खोदने का आदेश देकर वीर श्रीराम ने विराध का कण्ठ अपने एक पैर से दबा दिया और खड़े हो गए।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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