अहं तस्य प्रभावज्ञो न युद्धं तेन ते क्षमम्।
बलिं वा नमुचिं वापि हन्याद्धि रघुनन्दन:॥ १९॥
अनुवाद
मैं श्रीराम के प्रभाव से भली-भाँति परिचित हूँ। इसलिए मैं कह रहा हूँ कि रघुकुल नंदन श्रीराम के साथ तुम्हारा युद्ध करना उचित नहीं है। श्रीराम राजा बलि या नमुचि का भी वध कर सकते हैं।