श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 39: मारीच का रावण को समझाना  »  श्लोक 16
 
 
श्लोक  3.39.16 
 
 
अपि रामसहस्राणि भीत: पश्यामि रावण।
रामभूतमिदं सर्वमरण्यं प्रतिभाति मे॥ १६॥
 
 
अनुवाद
 
  रावण! मैं भयभीत होकर अपने सामने हजारों रामों को खड़ा देख रहा हूँ। मुझे यह पूरा वन राममय प्रतीत हो रहा है।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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