श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 39: मारीच का रावण को समझाना  »  श्लोक 1
 
 
श्लोक  3.39.1 
 
 
एवमस्मि तदा मुक्त: कथंचित् तेन संयुगे।
इदानीमपि यद् वृत्तं तच्छृणुष्व यदुत्तरम्॥ १॥
 
 
अनुवाद
 
  इस प्रकार, उस समय तो किसी तरह से मैं श्रीराम के हाथों से बच निकला। अब इसके बाद की घटना जो घटित हुई, उसे भी सुनो।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.