श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 35: रावण का समुद्रतटवर्ती प्रान्त की शोभा देखते हुए पुनः मारीच के पास जाना  »  श्लोक 39
 
 
श्लोक  3.35.39 
 
 
स रावण: समागम्य विधिवत् तेन रक्षसा।
मारीचेनार्चितो राजा सर्वकामैरमानुषै:॥ ३९॥
 
 
अनुवाद
 
  संग्राम के पश्चात् जब रावण मारीच के पास पहुँचा तब मारीच ने राजा रावण का बहुत सम्मानपूर्वक सत्कार-मिष्ठान्न से किया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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