सशक्त रावण पर्वतमय समुद्र के किनारे पहुँचकर उसकी सुंदरता को निहारने लगा। समुद्र का वह तट तरह-तरह के फूलों और फलों वाले हजारों वृक्षों से भरा हुआ था। चारों ओर मंगलकारी ठंडे पानी से भरी हुई कमल की झीलें और वेदिकाओं से सजे हुए विशाल आश्रम उस समुद्र तट की शोभा बढ़ा रहे थे।