श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 34: रावण के पूछने पर शर्पणखा का उससे राम, लक्ष्मण और सीता का परिचय देते हुए सीता को भार्या बनाने के लिये उसे प्रेरित करना  »  श्लोक 5-6h
 
 
श्लोक  3.34.5-6h 
 
 
ततो रामं यथान्यायमाख्यातुमुपचक्रमे।
दीर्घबाहुर्विशालाक्षश्चीरकृष्णाजिनाम्बर:॥ ५॥
कन्दर्पसमरूपश्च रामो दशरथात्मज:।
 
 
अनुवाद
 
  तदनंतर उसने श्रीराम का पूर्ण परिचय देना शुरू किया और कहा, "भाई! श्रीरामचंद्र राजा दशरथ के पुत्र हैं। उनकी भुजाएँ लंबी और आँखें बड़ी-बड़ी हैं। वे चीर और काले मृगचर्म पहनते हैं। उनका रूप कामदेव के समान है।"
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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