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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 3: अरण्य काण्ड
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सर्ग 34: रावण के पूछने पर शर्पणखा का उससे राम, लक्ष्मण और सीता का परिचय देते हुए सीता को भार्या बनाने के लिये उसे प्रेरित करना
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श्लोक 3
श्लोक
3.34.3
आयुधं किं च रामस्य येन ते राक्षसा हता:।
खरश्च निहत: संख्ये दूषणस्त्रिशिरास्तथा॥ ३॥
अनुवाद
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राम जी के पास कौन-सा ऐसा अस्त्र है, जिससे उन राक्षसों का वध हुआ और युद्ध में खर, दूषण और त्रिशिरा भी मारे गए।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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