वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 3: अरण्य काण्ड
»
सर्ग 34: रावण के पूछने पर शर्पणखा का उससे राम, लक्ष्मण और सीता का परिचय देते हुए सीता को भार्या बनाने के लिये उसे प्रेरित करना
»
श्लोक 24
श्लोक
3.34.24
रोचते यदि ते वाक्यं ममैतद् राक्षसेश्वर।
क्रियतां निर्विशङ्केन वचनं मम रावण॥ २४॥
अनुवाद
play_arrowpause
राक्षसराज रावण! यदि मेरे इस प्रस्ताव को तुम्हें स्वीकार्य है तो मेरे कहे अनुसार निःसंकोच होकर करो।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.