श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 34: रावण के पूछने पर शर्पणखा का उससे राम, लक्ष्मण और सीता का परिचय देते हुए सीता को भार्या बनाने के लिये उसे प्रेरित करना  »  श्लोक 2
 
 
श्लोक  3.34.2 
 
 
कश्च राम: कथंवीर्य: किंरूप: किंपराक्रम:।
किमर्थं दण्डकारण्यं प्रविष्टश्च सुदुस्तरम्॥ २॥
 
 
अनुवाद
 
  कौन हैं राम? उनका बल कैसा है? वे कैसे दिखते हैं और उनका पराक्रम कैसा है? उन्होंने किस उद्देश्य से अत्यंत दुर्गम दंडकारण्य में प्रवेश किया है?
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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