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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 3: अरण्य काण्ड
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सर्ग 34: रावण के पूछने पर शर्पणखा का उससे राम, लक्ष्मण और सीता का परिचय देते हुए सीता को भार्या बनाने के लिये उसे प्रेरित करना
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श्लोक 19
श्लोक
3.34.19
यस्य सीता भवेद् भार्या यं च हृष्टा परिष्वजेत्।
अभिजीवेत् स सर्वेषु लोकेष्वपि पुरंदरात्॥ १९॥
अनुवाद
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सीता जिसकी पत्नी हो और जब वह प्रसन्न होकर उसे गले लगाती हो, तो उसका जीवन सभी लोकों में इंद्र से भी अधिक भाग्यशाली होता है।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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