श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 34: रावण के पूछने पर शर्पणखा का उससे राम, लक्ष्मण और सीता का परिचय देते हुए सीता को भार्या बनाने के लिये उसे प्रेरित करना  »  श्लोक 18
 
 
श्लोक  3.34.18 
 
 
नैव देवी न गन्धर्वी न यक्षी न च किंनरी।
तथारूपा मया नारी दृष्टपूर्वा महीतले॥ १८॥
 
 
अनुवाद
 
  देवताओं, गंधर्वों, यक्षों और किन्नरों की स्त्रियों में भी कोई भी उसके जैसी सुंदरी नहीं है। इस धरती पर मैंने उस जैसी रूपवती नारी पहले कभी नहीं देखी।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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