श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 34: रावण के पूछने पर शर्पणखा का उससे राम, लक्ष्मण और सीता का परिचय देते हुए सीता को भार्या बनाने के लिये उसे प्रेरित करना  »  श्लोक 17
 
 
श्लोक  3.34.17 
 
 
तप्तकाञ्चनवर्णाभा रक्ततुङ्गनखी शुभा।
सीता नाम वरारोहा वैदेही तनुमध्यमा॥ १७॥
 
 
अनुवाद
 
  उसका सुन्दर शरीर चमकीले सोने की तरह चमकता है, उसके नख लंबे और लाल हैं। वह शुभ लक्षणों से सुशोभित है। उसके सभी अंग सुडौल हैं और उसकी कमर पतली और सुंदर है। वह विदेह के राजा जनक की बेटी है और उसका नाम सीता है।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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