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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 3: अरण्य काण्ड
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सर्ग 34: रावण के पूछने पर शर्पणखा का उससे राम, लक्ष्मण और सीता का परिचय देते हुए सीता को भार्या बनाने के लिये उसे प्रेरित करना
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श्लोक 12
श्लोक
3.34.12
एका कथंचिन्मुक्ताहं परिभूय महात्मना।
स्त्रीवधं शङ्कमानेन रामेण विदितात्मना॥ १२॥
अनुवाद
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‘आत्मज्ञानी महान श्रीराम ने स्त्री (सीता) की हत्या के डर की वजह से मुझे किसी तरह केवल अपमानित करके छोड़ दिया।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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