श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 34: रावण के पूछने पर शर्पणखा का उससे राम, लक्ष्मण और सीता का परिचय देते हुए सीता को भार्या बनाने के लिये उसे प्रेरित करना  »  श्लोक 1
 
 
श्लोक  3.34.1 
 
 
तत: शूर्पणखां दृष्ट्वा ब्रुवन्तीं परुषं वच:।
अमात्यमध्ये संक्रुद्ध: परिपप्रच्छ रावण:॥ १॥
 
 
अनुवाद
 
  रावण मंत्रियों के बीच बैठकर यह देखकर कि शूर्पणखा इस प्रकार कठोर बातें कह रही है, अत्यधिक क्रोधित होकर पूछा-
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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