श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 32: शूर्पणखा का लंका में रावण के पास जाना  »  श्लोक 21-22h
 
 
श्लोक  3.32.21-22h 
 
 
रावणं सर्वभूतानां सर्वलोकभयावहम्॥ २१॥
राक्षसी भ्रातरं क्रूरं सा ददर्श महाबलम्।
 
 
अनुवाद
 
  राक्षसी शूर्पणखा ने उस समय अपने क्रूर और महाबली भाई रावण को देखा, जो सभी प्राणियों में भय भरता था और सभी लोकों के लिए डरावना था।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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