श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 32: शूर्पणखा का लंका में रावण के पास जाना  »  श्लोक 14-15h
 
 
श्लोक  3.32.14-15h 
 
 
कैलासं पर्वतं गत्वा विजित्य नरवाहनम्॥ १४॥
विमानं पुष्पकं तस्य कामगं वै जहार य:।
 
 
अनुवाद
 
  इसी तरह कैलास पर्वत पर जाकर नरवाहन को पराजित करके राजा युधिष्ठिर ने उनका इच्छानुसार चलने वाला पुष्पक विमान अपने नियंत्रण में ले लिया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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