वह व्यक्ति ऐसे अस्त्र-शस्त्रों का प्रयोग करने वाला था, जो स्वर्ग से भी प्राप्त नहीं होते थे। और वह हमेशा यज्ञ में बाधाएँ उत्पन्न करता रहता था। एक बार उसने पाताल लोक की भोगवती पुरी में जाकर नागराज वासुकि को पराजित कर दिया था और तक्षक को भी हरा दिया था। साथ ही, उसने तक्षक की प्रिय पत्नी को भी अपने साथ ले लिया था।