श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 31: रावण का अकम्पन की सलाह से सीता का अपहरण करने के लिये जाना और मारीच के कहने से लङ्का को लौट आना  »  श्लोक 50
 
 
श्लोक  3.31.50 
 
 
एवमुक्तो दशग्रीवो मारीचेन स रावण:।
न्यवर्तत पुरीं लङ्कां विवेश च गृहोत्तमम्॥ ५०॥
 
 
अनुवाद
 
  मारीच के ऐसा कहने पर दशग्रीव रावण लंका लौट आया और अपने घर में प्रवेश कर गया।
 
 
इत्यार्षे श्रीमद्रामायणे वाल्मीकीये आदिकाव्येऽरण्यकाण्डे एकत्रिंश: सर्ग:॥ ३१॥
इस प्रकार श्रीवाल्मीकिनिर्मित आर्षरामायण आदिकाव्यके अरण्यकाण्डमें इकतीसवाँ सर्ग पूरा हुआ॥ ३१॥
 
 
 
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