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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 3: अरण्य काण्ड
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सर्ग 31: रावण का अकम्पन की सलाह से सीता का अपहरण करने के लिये जाना और मारीच के कहने से लङ्का को लौट आना
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श्लोक 39
श्लोक
3.31.39
एवमुक्तो महातेजा मारीचेन स रावण:।
तत: पश्चादिदं वाक्यमब्रवीद् वाक्यकोविद:॥ ३९॥
अनुवाद
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मारीच के इस प्रकार पूछने पर बात करने की कला में निपुण महातेजस्वी रावण ने यह उत्तर दिया-।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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