श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 31: रावण का अकम्पन की सलाह से सीता का अपहरण करने के लिये जाना और मारीच के कहने से लङ्का को लौट आना  »  श्लोक 33
 
 
श्लोक  3.31.33 
 
 
बाढं कल्यं गमिष्यामि ह्येक: सारथिना सह।
आनेष्यामि च वैदेहीमिमां हृष्टो महापुरीम्॥ ३३॥
 
 
अनुवाद
 
  अच्छा, कल प्रातःकाल सिर्फ सारथी के साथ मैं जाऊँगा और वैदेही कुमारी सीता को हर्षित करके इस महानगरी में ले आऊँगा।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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